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हरी बाई

14 साल की हरिबाई को जनिशाला में आकर पढ़ना था और इसके लिए घर में झगड़ा हो रहा था. उसके माँ-बाप कह रहे थे कि अगर वह 8 महीने के लिए चली जाएगी, तो छोटे भाई-बहन की देखभाल कौन करेगा? पढ़ने-लिखने से कोई फायदा तो है नहीं! हरिबाई का कहना था कि भाई भी स्कूल जाता है और उसकी फीस देनी होती है जबकि जनिशाला में के लिए कोई फीस भी नहीं है. हरिबाई को किसी भी तरह से जनिशाला में आना था. इसलिए अंत में उसने सहजनी का हाथ पकड़ा जो टीचर थी. उसने अपना बैग उठाया और टीचर के साथ जनिशाला में जाने के लिए बस चल पड़ी.