अदिति ऐसे समय पर जुडी जब आरती की मौत हुई थी। टीम को ऐसे लोगों की ज़रूरत थी जो गांव में महिलाओं की गोलबंदी कर सके और टीम के साथ जुड़ कर काम कर सके. अदिति एक अच्छी मोबिलाइज़ेर थी, महिला हिंसा के मुद्दे को उसने सहजनी टीम के सामने रखा। (2004 - 2005)